Antriksh ke bare mein kuch Interesting or rochak baaten : दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से अंतरिक्ष के महत्वपूर्ण तथा रोचक तथ्य के बारे में जानेंगे | दोस्तों अंतरिक्ष में कई ग्रह होते हैं और उसके कई लाखों उपग्रह भी होते हैं तो चलिए इसी में से कुछ ग्रहों के बारे में जानते हैं | और साथ-साथ ब्रह्मांड के बारे में भी चर्चा करेंगे और उससे जुड़े कुछ तथ्य के बारे में भी चर्चा करेंगे | महाविस्फोट बिग बैंग क्या होता है इसके बारे में भी पूरे विस्तार से इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे | ब्लैक होल यह एक ऐसा खतरनाक खोल है कहा जाता है कि यह पूरे दुनिया को यानी पूरे ग्रहों को अपने में समाहित कर सकते हैं | क्या पृथ्वी ब्लैक होल में जा सकता है और अगर जाएगा तो कब तक जाएगा या फिर नहीं जाएगा इसके बारे में भी हम विस्तार से चर्चा किए हैं | तो दोस्तों इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढियेगा |
Antriksh ke bare mein kuch Interesting or rochak baaten
1. महाविस्फोट/ बिग बैंग क्या है?
यस सिद्धांत व्याख्या करता है कि कैसे आज से लगभग 13.6 ख़राब वर्ष पूर्व एक अत्यंत गर्म और घने अवस्था से ब्रह्मांड का जन्म हुआ | इसके अनुसार ब्रह्मांड की उपस्थिति एक बिंदु से हुई थी |
1919 में हब्बल ने लाल विचलन( Red Shift) के सिद्धांत के आधार पर पाया था कि ब्रह्मांड फैल रहा है, ब्रह्मांड की आकाशगंगाये है तेजी से एक दूसरे से दूर जा रही हैं | इस सिद्धांत के अनुसार भूतकाल में आकाशगंगाये एक दूसरे के और पास रही होगी और, ज्यादा भूतकाल में जाने पर यह एक दूसरे के अत्यधिक पास रहे होंगे | इन निरीक्षण से यह निष्कर्ष निकलता है कि ब्रह्मांड ने एक ऐसी स्थिति से जन्म लिया है जिससे ब्रह्मांड का सारा पदार्थ और ऊर्जा अत्यंत गर्म तापमान और घनत्व पर एक ही स्थान पर था |इस स्थिति को गुरुत्वीय सिंगुलरिटी कहते हैं | महा विस्फोट या शब्द उस समय की ओर संकेत करता है जब निरीक्षत ब्रह्मांड का विस्तार प्रारंभ हुआ था | यह समय गणना करने पर आज से 13.7 खराब वर्ष पूर्व (१.३७*१०१० )पाया गया है |
2. ब्रह्मांड(Universe) क्या और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य |
आपने कभी अंतरिक्ष के बारे में सोचा है, टिमटिमाते तारे, चमकता चांद, जगमगाता सूरज कितना अद्भुत और अनोखा नजारा हमारी आंखों के सामने रोज आता है | पर हम अपने व्यस्त जीवन में इस अद्भुत नजारे को देख ही नहीं पाते हैं| ऐसा विशाल ब्रह्मांड का हिस्सा है |
ब्रह्मांड संपूर्ण समय और अंतरिक्ष और उसकी अंतर्वस्तु को कहते हैं | ब्रह्मांड में सभी ग्रह, तारे, गैलेक्सीआ,गैलेक्सीयो के बीच के अंतरिक्ष की अंतर्वस्तु, अपरमाणविक कण,और सारा पदार्थ और सारी ऊर्जा शामिल है |
हम यहां ब्रह्मांड के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं | इनमें से कुछ तो आपको हैरान भी कर सकते हैं | आइए ब्रह्मांड की एक संक्षिप्त सैर करें |
- ब्रह्मांड में सब कुछ गतिमान है:- ब्रह्मांड में कुछ भी स्थिर नहीं है यानी कोई भी चीज ऐसी नहीं है जो एक जगह पर टिकी हो | चंद्रमा हमारी धरती का चक्कर लगाते हैं हमारी धरती सूरज का चक्कर लगाती हैं और सूरज भी हमारे सारे मंदाकिनी( मिल्की वे -The Milky Way ) गैलेक्सी का , और मंदाकिनी ब्रह्मांड के साथ घूम रही हैं |
- अंतरिक्ष पूर्णतः निः शब्द हैं :- ध्वनि को यात्रा के लिए माध्यम चाहिए होता है और अंतरिक्ष में कोई वातावरण नहीं होता है| इसलिए अंतरिक्ष में पूर्णत सन्नाटा छाया रहता है |
- एक ऐसा भी तारा है जिस की सतह का तापमान केवल 27 डिग्री सेल्सियस है:- हमारे सूर्य के सतह का तापमान अत्याधिक है, 5778 डिग्री सेल्सियस लेकिन एक तारा WISE 1828+2650 की सतह का तापमान 26.7 डिग्री सेल्सियस है | यह एक भूरा वामन तारा है|
- अंतरिक्ष की गंध गर्म धातु तथा भूनते हुए मांस की जैसे है :- बहुत सारे अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष की गंध गर्म धातु तथा भूनते हुए मांस बतायी है |
- ब्रह्मांड तारों की कुल संख्या ज्ञात करना असंभव है :- हम ब्रह्मांड के तारों को कभी गिन नहीं सकते है | हम एक मोटे तौर पर केवल अनुमान ही लगा सकते है क्योकि ब्रह्माण्ड में हर क्षण लाखों तारों जन्म भी लेते रहते है |
- सूर्य अंतरिक्ष से सफेद दिखाई देता है :- पृथ्वी पर वातावरण है | सूर्य की प्रकाश वातावरण से गुजरता हुआ प्रकीर्णन के प्रभाव से लाल, केसरिया और पीला दिखाई देता है | अंतरिक्ष में वातावरण नहीं है इसलिए सूर्या सफेद दिखाई देता है |
- बृहस्पति अपनी धुरी पर 10 घंटे में एक चक्कर लगाता है | इसका अर्थ है कि उसकी सतह लगभग 50,000 किमी/घंटा की गति से घूम रहे हैं |
- अंतरिक्ष यात्री अपनी यात्रा में 2 इंच लंबे हो जाते हैं | अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होने से उनकी रीढ़ के जोड़ लगभग 3% ढीले हो जाते हैं |
- चंद्रमा एक समय पृथ्वी का भाग था | चंद्रमा की उत्पत्ति के सिद्धांत के अनुसार चंद्रमा पृथ्वी का एक भाग था और किसी कारण से वह पृथ्वी से अलग हो गया |
3. आकाशगंगा (Galaxy) क्या होता है? मिल्की वे(Milky Way ) क्या है?
हम जिस ग्रह पर रहते हैं उसका नाम पृथ्वी हैं. पृथ्वी हमारे सौरमंडल के बाकी ग्रहों की तरह एक अहम हिस्सा है| लेकिन हमारा सौरमंडल कहां पर हैं?
हमारा सौरमंडल आकाशगंगा का बस एक छोटा सा हिस्सा है आकाशगंगा बहुत सारी गैस हो, धूल और अरबों ग्रहों के सौर्य मंडल का संयुक्त रूप से बना एक समूह है | इससे आप दूसरे शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं कि बहुत सारे ग्रह मिलकर एक सौर्य मंडल का निर्माण करते हैं | और ऐसे करोड़ों से भी ज्यादा सौरमंडल मिलकर बनाते हैं एक आकाशगंगा |
हमारी गैलेक्सी का नाम मंदाकिनी मिल्की वे है | मिल्की वे आकृति में एक सर्पिल गैलेक्सी हैं |
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4 . ब्लैक होल(Black Hole ) क्या है? और इससे जुड़े कुछ विचित्र तथ्य |
श्याम विवर या ब्लैक होल अंतरिक्ष का वह हिस्सा होता है जहां गुरुत्वीय क्षेत्र इतना प्रबल होता है कि इसमें से कुछ भी बाहर नहीं आ सकता, यहां तक कि भी विद्युतीय चुंबकीय तरंगे भी नहीं |
यह ब्रह्मांड में बिचरते ऐसे दानव हैं जो अपनी राह में आने वाले हर वस्तु को निकलते रहते हैं | आइए ब्लैक होल के बारे में हम कुछ विचित्र बातें बताते हैं |
- ब्लैक होल अनंत रूप से छोटे नहीं होते हैं:- जितना गुरुत्व प्रभाव बढ़ेगा,तारा केंद्र उतना छोटा होते जाएगा | छोटा, और छोटा, और छोटा। ….. एक समय ऐसा आएगा कि वह एक ऐसे आकार तक पहुंचेगा जिससे प्लैंक लंबाई कहते हैं | यह एक ऐसी इकाई हैं जिसका क्वांटम मैकेनिक्स में उल्लंघन संभव नहीं है | यह लंबाई कितनी है | 1 प्लांक यूनिक =10 -34 मीटर |
- ब्लैक होल के निकट सब कुछ विचित्र होता है| श्याम विवर अपने गुरुत्वाकर्षण से कॉल अंतरिक्ष को विकृत करते हैं |
- ब्लैक होल के पास जाने से मृत्यु की अजीबोगरीब ढंग से होगी |
- ब्लैक होल के पास अत्यधिक चमक होती हैं| किसी श्याम विवर से गिरने वाला पदार्थ श्याम विवर की परिक्रमा प्रारंभ कर देता है | पदार्थ के कणों के मध्य अत्यधिक घर्षण होने से उसका तापमान अत्यधिक हो जाता है | यह तापमान करोड़ों डिग्री तक पहुंच जाता है अत्यधिक तापमान पर पदार्थ दीप्तिमान अत्यधिक चमक वाला हो जाता है |
- ब्लैक होल को शक्ति उनके द्रव्यमान से नहीं उनके आकार से मिलते हैं |
- ब्लैक होल की घूर्णन करते हैं | हमारे पास निकटतम ब्लैक होल इतनी दूरी पर हैं कि हमें आगामी करोड़ों वर्षों तक कोई खतरा नहीं है | हमारा सूर्य इतना बड़ा नहीं है कि यह ब्लैक होल बन जाए |
5. सौर्य मंडल और इसके कुछ ग्रह और उपग्रह |
सौर्य मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मिलित है, जो कक्षा में या तो सीधे या परोक्ष रूप से सूर्य के चारों ओर घूमते हैं | सौरमंडल से सूर्य और वह खगोलीय पिंड एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे है |
इन कुंडों में आठ ग्रह, उनके 166 ज्ञात उपग्रह, पांच बौने ग्रह, और अरबों छोटे पिंड शामिल है | इन छोटे पिंडो छुद्र ग्रह,बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्का और ग्रहों के बीच की दूरी शामिल है |
- बुध :- बुध सौरमंडल का सूर्य से सबसे निकट स्थित और आकार में सबसे छोटा ग्रह है | यम सबसे छोटा ग्रह माना जाता था | लेकिन इसका वर्गीकरण अब बौना ग्रह के रूप में किया जाता है| और सूर्य की एक परिक्रमा करने में 88 दिन लगातार
- शुक्र :- शुक्र सूर्य से दूसरा ग्रह है शुक्र का आकार और बनावट लोगों पृथ्वी के बराबर है| इसलिए शुक्र को पृथ्वी की बहन कहा जाता है |
- पृथ्वी :- तीसरा ग्रह पृथ्वी जो हमारा अपना घर है | बुध और शुक्र के बाद पृथ्वी सूर्य से तीसरा ग्रह है | अंतरिक्ष ग्रहों में से सबसे बड़ा, पृथ्वी इकलौता ग्रह है जहां पर जिंदगी है |
- मंगल :- मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह | पृथ्वी से इसकी आभा रक्तिम दिखती है, जिस वजह से इस से “ लाल ग्रह” के नाम से भी जाना जाता है |
- बृहस्पति :- बृहस्पति सूर्य से पांचवें और हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है | यह एक ऐसा दानव है जिसका द्रव्यमान सूर्य के हजारवें भाग के बराबर है |
- शनि :- शनि सौरमंडल का एक सदस्य ग्रह है | यह सूरज से छठे स्थान पर हैं और सौर मंडल में बृहस्पति के बाद सबसे बड़ा ग्रह है सनी के बाद 62 उपग्रह है | जिसमें टाइटन सबसे बड़ा है | टाइटन बृहस्पति के उपग्रह गिनी मेड के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है |
- अरुण :- अरुण या यूरेनस हमारे सौरमंडल में सूर्य से सातवाँ ग्रह है |व्यास के आधार पर या सौरमंडल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह है |
- वरुण :- वरुण या नेपच्यून हमारे सौरमंडल में सूर्य से आठवां ग्रह है | व्यास के आधार पर वह सूर्य मंडल का चौथा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है | वरुण को सूरज की एक पूरी परिक्रमा करने में 164 वर्ष लगते हैं |
6. पृथ्वी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण व रोचक बातें |
पृथ्वी सूर्य मंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां पर जीवन संभव है और पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है जहां पर पानी मिलता है | तो चलिए धरती के बारे में कुछ रोचक बातें जानते हैं जो शायद आपको पता नहीं होगा |
आज से 450 करोड़ साल पहले पृथ्वी से एक ग्रह टकराया था जिसके कारण पृथ्वी मुड़ गई और पृथ्वी का एक हिस्सा भी टूट गया था जिसे हम चांद के नाम से जानते हैं।
सौर्य मंडल में पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है दुनिया का 90% कूड़ा कचरा समुद्र में जाता है और दुनिया में सिर्फ 3% पानी ही पीने योग्य है |
पृथ्वी को गर्मी सिर्फ सूर्य से नहीं उसे अपने अंदर से भी गर्मी मिलते हैं जिसका तापमान लगभग 6000 डिग्री सेल्सियस है जो कि सूर्य के तापमान के बराबर हैं |
पृथ्वी की अभी तक की सबसे ज्यादा दूरी से ली गई फोटो की दूरी लगभग 5954573 किलोमीटर है जिससे लव यू डॉट का नाम दिया गया है |
सूर्य पृथ्वी जितने बड़े 1300000 ग्राम आ सकते हैं|
23 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड में पृथ्वी अपनी धुरी पर घूम लेती हैं और एक दिन पूरा कर लेते हैं इसके हिसाब से 1 दिन है 30 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड होते हैं |
अगर किसी मनुष्य को बिना सुरक्षा उपाय किए अंतरिक्ष में छोड़ दिया जाए तो वह केवल 2 मिनट तक जीवित रहेगा।
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