Chemistry Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi| परमाणु एवं अणु | Best Notes For 9th Class | 

BSEB Chemistry Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi | परमाणु एवं अणु | Best Notes For 9th Class | 

दोस्तों इस पोस्ट में हम लोग Chemistry Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi | के बारे में जानेंगे |इस Chapter का नाम “परमाणु एवं अणु” (Atoms and Molecules) है | इस पोस्ट में हमने class 9  का एक छोटा सा Notes तैयार किया है | जिससे आप कम से कम समय में अच्छे से तैयारी कर सकते हैं और class में अच्छा मार्क्स ला सकते हैं | दोस्तों इस पोस्ट में chapter 3  की लगभग सभी points को एक-एक करके परिभाषित किया गया है | तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़िएगा | Chemistry Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi |

Chemistry Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi|परमाणु एवं अणु | Best Notes For 9th Class | 

रासायनिक संयोजन नियम :-  

दो या दो से अधिक पदार्थों के बीच होने वाली रासायनिक अभिक्रिया कुछ सिद्धांतों पर आधारित होती है | इन सिद्धांतों को रासायनिक संयोजन के नियम कहते हैं | 

रासायनिक संयोजन के दो नियम :- 

  • द्रव्यमान संरक्षण का नियम
  • स्थिर अनुपात का नियम

द्रव्यमान संरक्षण का नियम :- 

इस नियम के अनुसार रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का ना ही उदय और ना ही विनाश | किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान पदार्थों के द्रव्यमान का जोड़ उस अभिक्रिया के उत्पादों के द्रव्यमानओ के जोड़े के बराबर होगा | 

स्थिर अनुपात का नियम :- 

किसी भी योगिक में तत्व सदैव एक निश्चित द्रव्यमानओ के अनुपात में विद्यमान होते हैं |  स्थिर अनुपात के नियम को निश्चित अनुपात का नियम भी कहते हैं | 

सरल यौगिकों में तत्वों के प्रतिशत संघटन की गणना –

  किसी  यौगिक में तत्व के प्रतिशत मात्रा =यौगिक के तत्वों का द्रव्यमान / यौगिक का द्रव्यमान * 100 

डाल्टन का परमाणु सिद्धांत :- 

रासायनिक संयोजन के नियम पर आधारित डाल्टन के परमाणु सिद्धांत, ‘द्रव्यमान संरक्षण का नियम’ तथा ‘ स्थिर अनुपात के नियम’  को सिद्ध करता है | 

डाल्टन के परमाणु सिद्धांत के महत्वपूर्ण अंश :- 

  • सभी द्रव्य परमाणु से निर्मित होते हैं | 
  • परमाणु अविभाज्य सूक्षतम कण होते हैं  जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो उत्पन्न होते हैं और न ही उनका विनाश होता है | 

परमाणु :- 

ऐसा पदार्थ जो एक ही प्रकार के गुण वाले सूक्ष्म कणों से बने हैं, जिन्हें परमाणु कहते हैं | अतः पदार्थों की रचनात्मक इकाई परमाणु होती हैं |  परमाणु के आकार हमारे कल्पना से भी छोटा होता है, जिससे हम अपने नंगी आंखों से नहीं देख सकते हैं | 

परमाणु त्रिज्या का मापन :- 

नैनोमीटर में मापी जाती है परमाणु त्रिज्या को |

  • 10-9 m=1 nm
  • 1m=109nm

परमाणु द्रव्यमान :- 

 किसी भी तत्व के एक परमाणु द्रव्यमान उस का परमाणु द्रव्यमान कहलाता है | 

परमाणु द्रव्यमान की इकाई :- 

एक परमाणु द्रव्यमान की इकाई का द्रव्यमान एक c12 समस्थानिक के 1 / 12 वें हिस्से के द्रव्यमान के बराबर होता है | 

परमाणु कौन अस्तित्व में रहते हैं :- 

ज्यादातर तत्वों के परमाणु अत्यधिक अभिक्रियाशील होने के कारण कभी भी मुक्तावस्था में नहीं पाए जाते |  केवल निष्क्रिय गैसों के परमाणु ही मुक्त अवस्था में पाए जाते हैं | 

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अणु :- 

किसी अणु का निर्माण दो या उससे अधिक परमाणु के बीच रासायनिक बंध उत्पन्न होने के कारण होता है | अणु , किसी भी पदार्थ का वह सूक्ष्मतम इकाई है |  जो स्वतंत्र रूप से रह सकता है और यह उस पदार्थ के सारे गुण धर्मों को प्रदर्शित कर सकता है जैसे कि, H2O जल के संपूर्ण गुण धर्मों को प्रदर्शित करता है | 

रासायनिक सूत्र के विशेषताएं :- 

रासायनिक सूत्र के संघटको की संयोजकताएँ या आवेश बराबर होने चाहिए | 

       धातु एवं अधातु के यौगिक के रासायनिक सूत्र की संरचना में धातु को पहले लिखा जाता है तथा अधातु को बाद में | 

      बहु प्रमाणीकरण के रासायनिक सूत्र में आने की स्थिति में , इस आयन को ब्रैकेट में रखा जाता है |फिर संयोजक अथवा आवेश को ब्रैकेट के नीचे लगाते हैं |  

रासायनिक सूत्र लिखने के नियम :- 

  • सबसे पहले तत्व के परमाणुओं  के चिन्ह को लिखा जाता है | 
  • अब इन चिन्हों के नीचे इसकी संयोजकताओ को लिखा जाता है | 
  • ओम नियोजित परमाणुओं की संयोजकताओं को क्रॉस किया जाता है | 
  • संयोजकताओं को क्रॉस करके रासायनिक सूत्र तैयार हो जाता है | 

आणविक द्रव्यमान :- 

किसी भी एक अणु में उपस्थित परमाणुओं के द्रव्यमानओ के जोड़ को आणविक द्रव्यमान कहा जाता है | आणविक द्रव्यमान का मात्रक भी परमाणु द्रव्यमान का मात्रक है | 

सूत्र इकाई द्रव्यमान :- 

किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के परमाणु द्रव्यमानओं का योग होता है | 

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आयन :- 

आयनिक परमाणु या परमाणु का समूह होता है जिस पर कुछ आवेश (धनात्मक आयन या ऋणात्मक आयन) अवश्य उपस्थित रहता है | 

  • धन आवेशित आयन – Na+
  • ऋण आवेशित आयोग- Cl-

ग्राम परमाण्विक द्रव्यमान :- 

जब किसी पदार्थ के परमाणु द्रव्यमान को ग्राम में व्यक्त करते हैं तब उसे ग्राम परमाणु द्रव्यमान कहते हैं | 

ग्राम आणविक द्रव्यमान :- 

जब किसी पदार्थ के आणविक द्रव्यमान को ग्राम में व्यक्त करते हैं तब उसे ग्राम आणविक द्रव्यमान कहते हैं |

        किसी पदार्थ के 1 ग्राम आणविक द्रव्यमान में उपस्थित अणुओं की संख्या 6.022* 1023  आणु होती हैं | 

मोल संकल्पना :- 

किसी स्पीशीज( परमाणु, अणु , आयन अथवा कण)  के एक मोल में मात्राओं की वह संख्या है जो ग्राम में उसके परमाणु अथवा आणविक द्रव्यमान के बराबर होते हैं |  किसी पदार्थ की एक मोल की कणों  की संख्या निश्चित होती है जिसका मान 6.022* 1023 होता है | 

मोलर द्रव्यमान :- 

मोलर द्रव्यमान किसी भी पदार्थ के 1 मोल कणों के द्रव्यमानओ  का जोड़ होता है | मोलर द्रव्यमान को M से दर्शाते हैं |  इसका मात्रक ग्राम प्रति मोल (g/mole) होता है | 

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