CBSE Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi | परमाणु की संरचना | Best Notes in Hindi For 9th Class |
दोस्तों यह पोस्ट आपके लिए लाये है | Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi | परमाणु की संरचना | Best Notes in Hindi | |इस Chapter का नाम परमाणु की संरचना (Structure of Atom) है | इस पोस्ट में Class 9 के “परमाणु की संरचना” पाठ के सभी पॉइंट्स को परिभाषा द्वारा परिभाषित किया गया है | दोस्तों इस पोस्ट को पढ़कर आपने कम से कम समय में अच्छे से तैयारी कर सकते हैं और अच्छा अंक प्राप्त करो क्लास में अव्वल आ सकते हैं | Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi |
Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi | परमाणु की संरचना | Best Notes in Hindi |
पदार्थों में आवेशित कण :-
जब दो भिन्न-भिन्न वस्तुओं को आपस में रगड़ा जाता है तब दोनों में समान परिणाम के विद्युत आवेश उत्पन्न होते हैं | लेकिन उन पर आवेशों की प्रकृति एक दूसरे से विपरीत होती हैं | एक को धन आवेश तथा दूसरे को ऋण आवेश कहते हैं |
परमाणु :-
परमाणु पदार्थ के निर्माण खंड है |यह पदार्थ की सबसे छोटी इकाई है जो तीन उप -परमाणु से मिलकर बनी होती है | इलेक्ट्रॉन , प्रोटोन और न्यूट्रॉन |
इससे पहले डाल्टन ने कहा था कि परमाणु अविभाज्य है या नहीं आगे विभाजित नहीं किया जा सकता है जो की उप- परमाणु कणों की खोज से गलत साबित हुआ है |
इलेक्ट्रॉन :-
जे जे थॉमसन ( J.J. Thomson) ने इलेक्ट्रॉन का खोज 1897 ईस्वी में एक विसर्जन नली प्रयोग के दौरान कैथोड किरणों के अध्ययन के फलस्वरूप किया |
- इलेक्ट्रॉन पर आवेश = -1.6*10-19 C
- इलेक्ट्रॉन पर द्रव्यमान= 9.1*10-31 Kg
कैथोड किरण :-
ऋण आवेशित अवपरमाणुक कण को इलेक्ट्रॉन कहते हैं | अतः कैथोड किरणें ऋण आवेशित कण इलेक्ट्रॉन की बनी है | अर्थात ऋण आवेशित कणों से बनी किरणों को कैथोड किरणें कहते हैं |
कैथोड किरणों के गुण :-
- यह किरणें सीधी रेखा में गमन करती है |
- इन किरणों में गतिज ऊर्जा होती हैं |
- ये किरणें ऋण आवेशित कणों से बनी है |
- ये किरणें फोटोग्राफी प्लेट को प्रभावित करती हैं |
- ये किरणें प्रतिदीप्ति उत्पन्न करती है |
इलेक्ट्रॉन की परिभाषा :-
किसी परमाणु का वह सूक्ष्मतम अवपरमाणु कण जो उसके नाभिक के चारों ओर परिक्रमा करता है और जिसके ऊपर इकाई ऋण आवेश होता है उसे इलेक्ट्रॉन कहते हैं | इसे e- के द्वारा दर्शाया जाता है |
Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi | Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi |
इसे भी पढ़े :-
- Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | हमारे आस-पास के पदार्थ | Most Science Notes
- Chemistry Class 9 Chapter 2 Notes in Hindi | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है |Top Science Notes |
- Chemistry Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi| परमाणु एवं अणु | Best Notes For 9th Class |
प्रोटॉन :-
1886 ई. में गोल्डस्टीन(Goldstein) ने विसर्जन नली प्रयोग के दौरान धन किरणों के अध्ययन के फलस्वरूप प्रोटॉन का खोज किया |
किसी परमाणु का वह सूक्ष्तम अवपरमाणुक कण जो उसके नाभिक में स्थित रहता है | और जिसके ऊपर इकाई धन आवेश होता है | उसे प्रोटॉन कहते हैं | इसे P+ के द्वारा दर्शाया जाता है |
- प्रोटॉन पर आवेश :- +1.6*10-19 C
- प्रोटॉन का द्रव्यमान:- 1.673*10-27 Kg
न्यूट्रॉन :-
जेम्स चैडविक ने हल्के के तत्व ( जैसे- लिथियम, बोरान इत्यादि ) की कणों के साथ भिड़ंत करवाई, जिसके कारण बस एक नए कण जिनका द्रव्यमान प्रोटॉन के बराबर था, तथा वह आवेश रहित थे | की उत्पत्ति सिद्ध की | इन कणों को न्यूट्रॉन का नाम दिया गया |
- न्यूट्रॉन हाइड्रोजन के प्रोटियम समस्थानिक में नहीं होते हैं।
- इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन के द्रव्यमान से अत्यधिक कम है ,इसलिए परमाणु का द्रव्यमान, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन का द्रव्यमानो का योग होगा |
केनाल किरणें क्या है ?
गोल्डस्टीन ने प्रयोग में पाया कि एक विशेष प्रकार की किरणें एनोड की ओर से चलकर कैथोड के छिद्रों से पार होकर विसर्जन नली को प्रकाशित कर देती है | इन किरणों को कैनाल किरणें कहते हैं |
परमाणु मॉडल :-
उप- परमाण्विक कणों जैसे कि इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की खोज के उपरांत परमाणु के विभिन्न मॉडल दिए गए हैं | उनमें से कुछ परमाणु मॉडल इस प्रकार हैं |
- टॉमसन का परमाणु मॉडल
- रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल
- बोर का परमाणु मॉडल
टॉमसन का परमाणु मॉडल :-
टॉमसन के परमाणु मॉडल को’ कटा तरबूज मॉडल’ कहते हैं | टॉमसन के इस मॉडल में परमाणु में धन आवेश तरबूज के खाने वाले लाल भाग की तरह बिखरा है | जबकि इलेक्ट्रॉन धन आवेशित गोले में तरबूज के बीज की भांति धसे है |
हालांकि इस मॉडल ने परमाणु के आवेश रहित अभिलक्षण की विवेचना की पर कुछ वैज्ञानिक को यह मॉडल नहीं समझ आया इसलिए इसे नकार दिया गया |
परमाणु मॉडल के आधार पर टॉमसन ने प्रस्तावित किया कि –
- परमाणु एक गोलाकार गेंद की तरह है |
- परमाणु एक धन- आवेशित कण का बना होता है और इलेक्ट्रॉन उसमें धंसे से होते हैं |
- ऋणात्मक और धनात्मक आवेश परिमाण में समान होते हैं | इसलिए परमाणु विद्युतीय रूप से उदासीन होते हैं |
रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल :-
रदरफोर्ड ने अपने प्रयोग में, तेज से चल रहे अल्फा( हीलियम नाभिक2He4 ) कणों को सोने की पन्नी से टक्कर कराई |
रदरफोर्ड के प्रयोग के परिणाम :-
- कुछ अल्फा कण निम्न कोणों से मुड़े है |
- प्रत्येक 12000 कणों में से एक और वापस आ गया |
रदरफोर्ड के निष्कर्ष :-
अपने प्रयोग के परमाणुओं के आधार पर रदरफोर्ड निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले :-
परमाणु के भीतर का अधिकतर भाग खाली होता है जिस कारण अधिकतर अल्फा कण बिना मुड़े सोने की पन्नी से बाहर निकल जाते हैं |
परमाणु के बीच एक धन आवेशित गोला जिसे नाभिक कहा जाता है, क्योंकि 12000 में से एक a – कण वापस आ जाता है |
क्योंकि ज्यादातर कण सोने की पन्नी से सीधे निकल गए और कुछ ही कणों में झुकाव देखा गया, इस आधार पर यह निष्कर्ष निकला कि परमाणु के भीतर ज्यादातर भाग खाली है और नाभिक इस खाली भाग की बहुत छोटे से भाग में मौजूद होता है |
Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi | Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi | Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi |
इसे भी पढ़े :-
- Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | हमारे आस-पास के पदार्थ | Most Science Notes
- Chemistry Class 9 Chapter 2 Notes in Hindi | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है |Top Science Notes |
- Chemistry Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi| परमाणु एवं अणु | Best Notes For 9th Class |
नाभिकीय सिद्धांत :-
अल्फा कण प्रकीर्णन प्रयोग के आधार पर रदरफोर्ड महोदय ने एक सिद्धांत का प्रतिपादन किया जिसे रदरफोर्ड का नाभि किस सिद्धांत को आते हैं | सिद्धांत निम्न प्रकार है :-
- परमाणु का अधिकांश भाग खाली है, क्योंकि अधिकांश भाग अल्फा कण बिना विचलित हुए सोने के पतले परतों से सीधे पार हो जाते हैं |
- बहुत कम अल्फा कण अपने मार्ग से विचलित होते हैं जिससे यह ज्ञात होता है कि परमाणु में धान आवेशित भाग बहुत कम है |
- बहुत कम अल्फा कण अपने पथ पर वापस लौट आते हैं, इससे यह संकेत मिलता है कि सोने के परमाणु का पूर्ण धनावेशित भाग और द्रव्यमान, परमाणु के अंदर बहुत कम आयतन में सीमित है |
- नाभिक की त्रिज्या, परमाणु की त्रिज्या से लगभग 105 गुना छोटी है | यदि परमाणु का आकार क्रिकेट के एक स्टेडियम जितना हो तो नाभिक का आकार स्टेडियम के केंद्र में बैठी एक मखी कितना होगा |
रदरफोर्ड के परमाणु की कमी :-
- रदरफोर्ड के अनुसार इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वलयाकार मार्ग में चक्कर लगाते हैं, किंतु आवेशित होने के कारण,ये कण अपनी ऊर्जा निरंतर खोते रहते हैं | परमाणु के स्थायित्व की संख्या नहीं हो पाई |
बोर का परमाणु मॉडल :-
रदरफोर्ड मॉडल की कमी का निवारण बोर के परमाणु मॉडल से हुआ | नील्स बोर ने 1913 में परमाणु के बारे में अपना मॉडल प्रस्तुत किया है जिसमें निम्नलिखित तथ्य मौजूद थे :-
- इलेक्ट्रॉन केवल कुछ निश्चित कक्षाओं में ही चक्कर लगा सकते हैं, जिन्हें इलेक्ट्रॉन के निर्धारित कक्षा कहते हैं |
- इस निर्धारित कक्षाओं में चक्कर लगाते हुए, ये इलेक्ट्रॉन अपनी ऊर्जा का विकिरण नहीं करते|
- किसी भी परमाणु के इलेक्ट्रॉन में ऊर्जा में बदलाव ,इलेक्ट्रॉन की कक्षाओं में स्थानांतरण के कारण होता है |
जे जे थॉमसन, रदरफोर्ड एवं बोर के परमाणु मॉडल में तुलना :-
जे जे थॉमसन का परमाणु मॉडल | रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल | बोर का परमाणु मॉडल |
(1)धन आवेश परमाणु के संपूर्ण भाग में सामान्य रूप से फैले होते हैं | (2) इसमें नाभिक जैसा कोई भाग नहीं होता है| (3) इसमें इलेक्ट्रॉन परमाणु में समान दूरी पर फैले रहते हैं | (4) इसमें परमाणु एक धन आवेशित गोला है जिसमें इलेक्ट्रॉन तरबूज के बीज की भांति धँसे रहते हैं | (5)इसमें परमाणु के स्थायित्व की चर्चा नहीं की है | | (1)धन आवेश परमाणु की केवल नाभिक में स्थित होते हैं | (2) इसमें केंद्रीय भाग नाभिक कहलाता है | (3)इसमें इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर वृत्ताकार पथों में चक्कर लगाते हैं | (4) इसमें धन आवेश नाभिक में और इलेक्ट्रॉन नाभि के चारों ओर विभिन्न कक्षाओं में चक्कर लगाते हैं | (5)इसमें परमाणु के स्थायित्व को नहीं समझ पाता है | | (1) धन आवेश परमाणु के केवल नाभिक में स्थित होते हैं | (2) इसमें परमाणु के केंद्र को नाभिक होते हैं | (3) इसमें इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारो और निश्चित कक्षा में निश्चित संख्या में चक्कर लगाते हैं। (4) इसमें धन आवेश नाभिक में और इलेक्ट्रॉन नाभि के चारों ओर विभिन्न कक्षाओं में निश्चित संख्या में चक्कर लगाते हैं | (5)इसमें परमाणु के स्थायित्व को समझ पाता है | |
इसे भी पढ़े :-
- Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | हमारे आस-पास के पदार्थ | Most Science Notes
- Chemistry Class 9 Chapter 2 Notes in Hindi | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है |Top Science Notes |
- Chemistry Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi| परमाणु एवं अणु | Best Notes For 9th Class |
Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi | Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi |
परमाणु संख्या :-
एक परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोटॉनों की कुल संख्या को परमाणु संख्या करते हैं |
- परमाणु संख्या, ‘Z ‘ द्वारा प्रदर्शित की जाती हैं |
- किसी भी अनावेशित प्रमाण में , प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की संख्या बराबर होती है |
द्रव्यमान संख्या :-
द्रव्यमान संख्या किसी परमाणु के नाभिक में मौजूद प्रोटॉन तथा न्यूट्रॉन की संख्या का जोड़ होते हैं |
- द्रव्यमान संख्या ‘A’ से सूचित किया जाता है |
संयोजकता :-
बोर बरी नियम के अनुसार हमें ज्ञात है कि किसी भी परमाणु के अंतिम कोष में ‘8’ इलेक्ट्रॉन भरे जा सकते हैं |
हर तत्व अपनी बाहरी कोष में 8 इलेक्ट्रॉन भरने के लिए, इलेक्ट्रॉन को अपने में से मुक्त या अन्य तत्वों में से इलेक्ट्रॉन को ग्रहण करते हैं |
8 इलेक्ट्रॉन अपने अंतिम कोष में रखने हेतु जो भी इलेक्ट्रॉन कोई तत्व लेता या देता है इलेक्ट्रॉन की इस संख्या जो लेने देने में उपयोग होती हैं | उसे संयोजकता कहते हैं |
समस्थानिक :-
एक ही तत्वों के ऐसे परमाणु जिनके परमाणु संख्या बराबर हो पर द्रव्यमान संख्या भिन्न हो | ऐसे परमाणु समस्थानिक कहलाए जाते हैं |
रेडियो समस्थानिक :-
जब किसी स्थाई तत्व पर तीव्र वेग वाले प्रोटॉन या न्यूट्रॉन या अल्फा कण से प्रहार करके उसे रेडियो सक्रिय तत्व में परिवर्तित कर दिया जाता है तो निर्मित रेडियो सक्रिय तत्व रेडियो समस्थानिक कहलाता है |
समस्थानिकों के गुण :-
- एक ही तत्वों के सभी समस्थानिकों के भौतिक गुण भिन्न भिन्न होते हैं,क्योंकि नाभिक में न्यूट्रॉन की संख्या भिन्न भिन्न होते हैं जिससे परमाणु द्रव्यमान, घनत्व, गलनांक, क्वथनांक इत्यादि भिन्न भिन्न होते हैं |
- एक ही तत्व के सभी समस्थानिक के रासायनिक गुण समान होते हैं क्योंकि समस्थानिकों में प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की संख्या समान होते हैं जिससे इलेक्ट्रॉनिक विन्यास समान होते हैं और संयोजी इलेक्ट्रॉन की संख्या समान होती है | इसलिए रासायनिक गुण समान होते हैं |
- एक ही तत्व के सभी समस्थानिक आवर्त सारणी में एक ही स्थान पर आते हैं, क्योंकि बाह्यतम कक्षा में समान इलेक्ट्रॉन होते हैं |
- समस्थानिक ओं की परमाणु संख्या समान होती है, अतः उनमें प्रोटोन एवं इलेक्ट्रॉन समान होते हैं |
समभारिक :-
अलग-अलग तत्वों के ऐसे परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्याएं एक जैसी हो परंतु परमाणु संख्या भिन्न हो, समभारिक कहलाए जाते हैं | Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi | Chemistry Class 9 Chapter 4 Notes in Hindi |
इसे भी पढ़े :-
- Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | हमारे आस-पास के पदार्थ | Most Science Notes
- Chemistry Class 9 Chapter 2 Notes in Hindi | क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध है |Top Science Notes |
- Chemistry Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi| परमाणु एवं अणु | Best Notes For 9th Class |
- Class 10 Physics Chapter 2 Notes In Hindi |मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार Best Science Notes |