BSEB Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | हमारे आस-पास के पदार्थ ( Matter in Our Surroundings) NCERT Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | Humare Aash pash ke Pdarth Bihar board Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi |
यह पोस्ट हम आपके लिए लाए हैं | Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | इस Chapter का नाम हमारे आस-पास के पदार्थ (Matter in Our Surroundings)है | इस पोस्ट में हमने Class 9 Chemistry Chapter 1 का एक छोटा सा Notes तैयार किया है | इस पोस्ट को हमने खासतौर पर 9th क्लास के विद्यार्थियों के लिए तैयार किया है जिसे वह कम से कम समय में अच्छे से तैयारी करके अच्छा मार्क्स ला सकते हैं | और क्लास में टॉप कर सकते हैं |
Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | हमारे आस-पास के पदार्थ Most Science Notes
पदार्थ:-
विश्व में प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से बनी है, उसे पदार्थ कहा जाता है और जिनमें द्रव्यमान हो, जो स्थान घेरता हो तथा जिनके अस्तित्व का अनुभव ज्ञान इंद्रियों द्वारा किया जा सकता है,उसे पदार्थ कहते हैं |
जैसे :- लकड़ी, कुर्सी, लोहा, कागज, मिट्टी, जल, ऑक्सीजन, चांदी, हाइड्रोजन, सोना, इत्यादि |
वैसी चीजें जिनमें न तो द्रव्यमान होता है और न स्थान घेरता है , उसे पदार्थ नहीं कहते हैं | जैसे:- मित्रता , प्रेम, स्नेहा, घृणा, विचार, इत्यादि |
पदार्थ से बनी चीजों को वस्तु कहते हैं | जैसे:- लकड़ी एक पदार्थ है जिससे कुर्सी, टेबल, मेज,चौकी इत्यादि |
पदार्थ में मूल रूप से 2 तरह के गुण पाए जाते हैं- बाह्य(external) गुण और आंतरिक(Internal) गुण |
- बाह्य गुण :- पदार्थ की वे गुण जो हमारे नग्न आंखों से देखने, परखने या छूने से स्पष्ट हो जाए बाह्य गुण कहलाते हैं |
- आंतरिक गुण:- पदार्थ की वह गुण जो हमारे नगर आंखों से देखने, परखने या छूने से स्पष्ट न हो उसे आंतरिक गुण गाते हैं |
Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi
पदार्थ का भौतिक स्वरूप(Physical nature of Matter)
- पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है |
- पदार्थ परमाणुओं या अणुओं के बने होते हैं |
- यह सतत नहीं है|
- पदार्थ के कण अत्यंत छोटे होते हैं |
पदार्थ के कणों के अभिलक्षण गुण(Characteristics of Particles of Matter)
- पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते हैं | यानी उसके पास गतिज ऊर्जा होते हैं |
विसरण :-
दो विभिन्न पदार्थों के कणों का अपने-आप एक-दूसरे से घुल मिल जाने की प्रक्रिया को विसरण कहते हैं |
पदार्थ की अवस्थाएं (States of Matter):-
भौतिक रूप से पदार्थ 3 अवस्था में पाए जाते हैं |
(1) ठोस अवस्था
(2) द्रव अवस्था
(3) गैसीय अवस्था
वस्तु जितना स्थान घेरती है या छेकती है, उसे उस वस्तु का आकार कहा जाता है |
दृढ़ता :-
पदार्थ के कण आपस में अत्यधिक बल से जुड़े रहते हैं जिसे तोड़ना या दबाना कठिन होता है| पदार्थ के इस गुण को दृढ़ता कहते हैं |
(1) ठोस अवस्था( The Solid State):-
वह पदार्थ जिसका आकार एवं आयतन दोनों निश्चित होते हैं, उसे ठोस कहते हैं | जैसे:- चीनी, बालू, नमक, लोहा, पत्थर, मिट्टी इत्यादि |
ठोसों के गुणधर्म(Properties of Solids)
- एक निश्चित आकार होता है |
- इसका घनत्व उच्च होता है |
- निश्चित या स्थिर आयतन होता है |
- इसकी संपीड्यता नगण्य होती हैं |
- ये दृढ़ होते हैं |
(2) द्रव अवस्था(The Liquid State ) :-
ऐसा पदार्थ जिसका आकार अनिश्चित होता है और आयतन निश्चित होता है,द्रव अवस्था कहलाता है | जैसे:- पानी, दूध, स्याही, तेल, जूस इत्यादि |
द्रवों के गुणधर्म(Properties of Liquid ):-
- द्रव और तरल होता है उनमें बहाव होता है |
- इससे अधिक दबाया नहीं जा सकता है |
- द्रव का कोई निश्चित आकार नहीं होता वह बर्तन के आकार लेते हैं |
- द्रवों में बहुत कम संपीड़न होता है |
(3) गैसीय अवस्था (The Gaseous State):-
वह पदार्थ जिसका आयतन एवं आकार दोनों अनिश्चित होते हैं, उसे गैस कहते हैं | जैसे:- वायु, भाप, हाइड्रोजन गैस इत्यादि |
गैसों के गुणधर्म(Properties of Gasses ):-
- इसके आकार एवं आयतन दोनों अनिश्चित होते हैं |
- गैसों में संपीड़न अधिक होता है |
- गैसों में कोई निश्चित सीमाएं नहीं होती हैं |
- गैसों में कोई निश्चित आकार नहीं होता है |
Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi | Class 9 Chemistry Chapter 1 Notes in Hindi
पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन |
पानी पदार्थ के तीनों अवस्था में मिलता है |
- ठोस- बर्फ
- पानी- द्रव
- गैसीय- वाष्प
गर्म करने पर बर्फ पानी में परिवर्तित हो जाती हैं और पानी वाष्प में में परिवर्तित हो जाते हैं |
तापमान में परिवर्तन:-
गलनांक या द्रवणांक(Melting Point):-
जिस तापमान पर ठोस पिघल कर द्रव का अवस्था लेती है वह इसका गलनांक कहलाता है |
बर्फ का गलनांक 273.16k है| सुविधा के लिए हम इसे 273k लेते हैं |
संगलन की गुप्त ऊष्मा:-
वायुमंडलीय दाब पर 1 किलोग्राम दोस्त को उसके गलनांक पर द्रव में बदलने के लिए जितनी उसमें ऊर्जा की आवश्यकता होती हैं, उससे संगलन की गुप्त ऊष्मा कहते हैं |
क्वथनांक:-
द्रव जिस ताप पर वाष्प में बदलता है उसे क्वथनांक कहते है |
जब पानी को उबाल आ जाता है, तो उसके तापमान में वृद्धि नहीं होती हैं तापमान 100 डिग्री सेल्सियस ही रहता है क्योंकि वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा, पानी के कोणों के बीच के आकर्षण बल को तोड़ते हैं |
उर्ध्वपातन:-
कुछ ऐसे पदार्थ हैं ,जो गर्म करने पर ठोस से सीधे वाष्प में बदल जाते हैं और ठंडा करने पर फिर वापस ठोस में बदल जाते हैं ऐसे प्रक्रिया को उर्ध्वपातन कहते हैं|
दाब परिवर्तन का प्रभाव:-
यदि हम तापमान घटाने पर सिलेंडर में गैस लेकर उसे संपीड़ित करे , तो कोणों के बीच की दूरी कम हो जाएगी और गैस द्रव में बदल जाएगी |
वाष्पीकरण:-
एक ऐसी सतही प्रक्रिया जिसमें द्रव पदार्थों में सतह के कण क्वथनांक के नीचे किसी भी तापमान पर वास्तव में बदलने लगते हैं , ऐसी प्रक्रिया को वाष्पीकरण कहते हैं |
वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारक :-
- सतही क्षेत्रफल:- सतही क्षेत्रफल बढ़ाने से वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है| क्योकि वाष्पीकरण द्रव के खुले सतह से होता है |
- तापमान में वृद्धि:- तापमान बढ़ाने से वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है क्योंकि पदार्थ के कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती हैं |
- आर्द्रता :- अगर हवा में आद्रता है तो वाष्पीकरण की दर घट जाती हैं |
- वायु की गति:- अगर वायु की गति बढ़ जाती है तो वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है | क्योंकि वायु की गति तेज होने से जल वाष्प के गॉड वायु के साथ उड़ जाते हैं जिससे आसपास में जलवाष्प की मात्रा घट जाती है |
- वाष्पीकरण से शीतलता : -वाष्पीकरण के प्रक्रिया के दौरान, लुप्त हुई ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने के लिए द्रव के कण अपने आसपास के वातावरण से ऊर्जा और सूचित कर लेते हैं| इस और शोषण के कारण वातावरण शीतल हो जाता है |
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