Physics Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi | बल तथा गति के नियम | Best Notes for 9th Class | 

BSEB Physics Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi | बल तथा गति के नियम | Best Notes for 9th Class | 

यह पोस्ट हम आपके लिए लाए हैं | Physics Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi | इस Chapter का नाम “बल तथा गति के नियम” (Force and Laws of Motion) है |  इस Chapter में बल तथा गति के नियम के लगभग सभी पॉइंट परिभाषा के द्वारा प्रकाशित किया गया है |यह Chapter 9th क्लास के बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है | इस पोस्ट को पढ़कर आप कम से कम समय में अच्छे से तैयारी कर सकते हैं और क्लास में अव्वल सकते हैं | Physics Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi |

Physics Class 9 Chapter 3 Notes in Hindi | बल तथा गति के नियम | Best Notes for 9th Class | 

बल :- 

यह किसी भी कार्य को करने में मदद करता है | किसी भी कार्य को करने के लिए, या तो हमें वस्तु खींचने पड़ती है या धके लेनी पड़ती है | इसी खींचने या ढकेलेना को ही बल कहते हैं | 

उदाहरण:- 

  •  दरवाजा को खोलने के लिए या तो हमें खींचने पड़ती है या ढके लेना पड़ता है | 
  • अलमारी के किसी भी दरवाजे को खोलने के लिए खींचना पड़ता है और बंद करने के लिए ढके लेना पड़ता है | 

बल के प्रभाव :- 

   बल स्थिर वस्तु को गतिशील बनाता है |

  1. उदाहरण :-  एक फुटबॉल को पैर से धक्का मारने पर वह  गतिशील हो जाता है | 

   बल गतिशील वस्तु को स्थिर कर देता है | 

  1. उदाहरण :-  गाड़ियों के ब्रेक मारने पर गाड़ी रुक जाती हैं | 

   बल किसी गतिशील वस्तु को दिशा बदल देता है | 

  1. उदाहरण :-  साइकिल के हैंडल पर बल लगाने से उसकी दिशा बदल जाती हैं | 

   बल किसी गतिशील वस्तु के वेग में परिवर्तन कर देता है | 

  1. जैसे:-  त्वरित करने से किसी वाहन के वेग को बढ़ाया जा सकता है और ब्रेक लगाने से उसके वेग को कम किया जा सकता है | 

   बल किसी वस्तु की आकृति और आकार में परिवर्तन कर देते हैं | 

  1. जैसे:-   हथोड़ा मारने से किसी भी पत्थर में कई टुकड़े हो जाते हैं | 

बल के प्रकार :- 

  • स्पर्श बल 
  • दूरी पर क्रिया बल 

स्पर्श बल :- 

जब किसी वस्तु को धकेलना या खींचना पड़ता है तो उस वस्तु को स्पर्श करना आवश्यक होता है |अर्थात जब दो वस्तुएं परस्पर संपर्क में रहकर बल का अनुभव करते हैं तो ऐसे बलो को स्पर्श बल कहते हैं | जैसे:- पेशीय बल , घर्षण बल  आदि | 

           ठोकर मारना, हाथ से किसी वस्तु को खींचना या धकेलना ,चापाकल चलाना, साइकिल चलाना इत्यादि पेशीय बल का उदाहरण है | 

            जमीन पर चलना. कांटी को ठोकना. पेड़ पर चढ़ना इत्यादि घर्षण बल के कारण ही संभव होता है | 

दूरी पर क्रिया बल :- 

वह बल जो किसी वस्तु को स्पर्श किए बिना ही उस वस्तु  पर आरोपित होती है, दूरी पर क्रिया बल कहलाती है | उदाहरण :- विद्युत बल, चुंबकीय बल, गुरुत्व बल इत्यादि | 

  1. विद्युत बल :- विद्युत आवेशों के बीच क्रियाशील बल को विद्युत बल कहते हैं। उदाहरण :- प्लास्टिक की सूखी कंगी को सूखे बाल में रगड़ कर कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों के पास लाने पर, कंगी उस टुकड़े को अपनी ओर कुछ दूरी से ही खींच लेती है | इसे ही विद्युत बल कहा जाता है | 
  2. चुंबकीय बल :-  चुंबक के ध्रुव के बीच लगने वाले बल को चुंबकीय बल कहते हैं | 
  3.  गुरुत्व बल :-  पृथ्वी किसी वस्तु को अपनी ओर जिस बल से खींचते हैं उसे गुरुत्व बल कहते हैं। 

बल का मात्रक : –

  • बाल का अंतरराष्ट्रीय मात्रक अर्थात S.I  मात्रक न्यूटन है | 
  • इसे संक्षेप में प्रायः ‘N’  से सूचित किया जाता है | 
  • बल का C.G.S मात्रक  डायन होता है | 

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परिणामी बल :- 

किसी वस्तु पर लगने वाला वह अकेला बल जो उस वस्तु पर एक साथ क्रियाशील अनेक बलों के समान प्रभाव उत्पन्न करते हैं ,परिणामी बल कहलाता है | 

संतुलित बल एवं असंतुलित बल :- 

संतुलित बल :- 

जब किसी वस्तु पर एक साथ अनेक बल इस प्रकार क्रियाशील हो कि उसका परिणामी बल  शून्य हो तो ऐसे बलों को संतुलित बल कहा जाता है | 

असंतुलित बल :- 

जब अनेक बल किसी वस्तु पर एक साथ क्रियाशील हो और उनका परिणामी बल 0 ना हो तो ऐसे बलों को असंतुलित बल कहते हैं | 

गति के नियम :- 

गैलीलियो ने अपने प्रयोगो के प्रेक्षण से निष्कर्ष निकाला कि कोई गतिशील वस्तु तब तक स्थिर या नियत वेग से गति करती रहेगी जब तक कोई बाह्य असंतुलित बल इस प्रकार कार्य नहीं करता अर्थात कोई भी असंतुलित बल वस्तु पर नहीं लग रहा है |  प्रायोगिक रूप से यह संभव है किसी भी वस्तु पर  0 असंतुलित बल हो | 

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न्यूटन के गति के नियम :- 

न्यूटन ने गैलीलियो के सिद्धांतों का अध्ययन किया और वस्तुओं की गति का विस्तृत अध्ययन किया और गति के तीन मूल नियम प्रस्तुत किए | 

न्यूटन की गति का प्रथम नियम :- 

जड़त्व :- 

गति के प्रथम नियम के अनुसार, यदि कोई वस्तु अपने स्थिर अवस्था या सरल रेखा में एक समान गति की अवस्था में है, तो वह उसी अवस्था में रहेगी जब तक उस पर कोई बाह्य बल कार्य न करें |  यह नियम जड़त्व का नियम या गैलीलियो का नियम भी कहलाता है | 

      किसी भी वस्तु की प्राकृतिक प्रवृत्ति जिससे वह तब तक अपनी विराम अवस्था या एक समान रैखिक गति की अवस्था में रहती है जब तक की वस्तु पर कोई बाह्य असंतुलित बल कार्य न करें जड़त्व  कहलाती है |  एक भारी वस्तु का द्रव्यमान अधिक होता है इसलिए जड़त्व भी अधिक होता है | यही कारण है कि भारी बक्से को खींचना और हिलाना बहुत कठिन होता है | 

जड़त्व के प्रकार : –

 जड़त्व के तीन प्रकार होते हैं | 

  • विराम जड़त्व 
  • गति जड़त्व
  • दिशा जड़त्व

विराम जड़त्व :- 

किसी वस्तु का वह गुण जिस गुण के कारण वह वस्तु अपनी विराम अवस्था बनाए रखना चाहती हैं,विराम जड़त्व कहलाती है |

गति जड़त्व :- 

किसी वस्तु का वह गुण जिस गुण के कारण वह वस्तु एक समान गति की अवस्था बनाए रखना चाहते हैं , गति जड़त्व कहलाती हैं | 

दिशा जड़त्व :- 

किसी वस्तु का वह गुण जिसके कारण वस्तु अपनी गति की दिशा बनाए रखना चाहती है, दिशा  जड़त्व कहलाती हैं | 

न्यूटन का गति का द्वितीय नियम :- 

न्यूटन के गति के दूसरे नियम के अनुसार , किसी वस्तु के संवेग के परिवर्तन की दर उस पर लगने वाले असंतुलित बल के समानुपाती होती है | 

  • किसी वस्तु पर लगाया गया बल उसमें उत्पन्न त्वरण व वस्तु के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है | 

न्यूटन का गति का तृतीय नियम :- 

इस नियम के अनुसार ,  जब एक वस्तु किसी दूसरी वस्तु पर बल लगाती हैं तो वह पहली वस्तु भी दूसरी वस्तु पर उतना ही बल आरोपित करती हैं | 

    इस नियम को क्रिया प्रतिक्रिया का नियम कहते हैं | 

संवेग :- 

किसी वस्तु के द्रव्यमान और वेग के गुणनफल को उस वस्तु संवेग कहते हैं | गणितीय रूप में किसी वस्तु का संवेग इसके द्रव्यमान और वेग का गुणनफल है | संवेग का प्रतीक P है | 

  • संवेग(P) = द्रव्यमान(m)* वेग(v) 
  • m=वस्तु का द्रव्यमान, v =वस्तु का वेग 

संवेग संरक्षण का नियम :- 

यदि किसी समूह में वस्तुएं एक- दूसरे पर बल लगा रही है अर्थात पारस्परिक क्रिया कर रही है तो पारस्परिक क्रिया के पहले और पारस्परिक क्रिया के बाद,  उनका कुल संवेग संरक्षित रहता है, जबकि उस पर कोई बाह्य बल न लगे | इसे संवेग संरक्षण का नियम कहते हैं | 

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