Top 11 Space Science question |11 अंतरिक्ष विज्ञान प्रश्नोत्तरी |  

Top 11 Space Science question : दोस्तों आज हम बात करेंगे अंतरिक्ष के कुछ अनसुने घटनाए के बारे में |जो हमें प्रकाश देने वाला सूर्य पृथ्वी से कितना दूर है | और सूरज की रोशनी  को पृथ्वी तक आने में  कितना समय लगता है | वैज्ञानिकों का मानना है कि कुछ हजार करोड़ साल पहले चंद्रमा पृथ्वी का हिस्सा हुआ करता था इस बात में कितनी सच्चाई है आज हम इस पोस्ट माध्यम से जानेंगे | एस्केप वेलोसिटी क्या है |  बहुत दिन पहले ग्रहों के सूची में प्लूटो नामक एक गोरा था | जिसे बाद में निकाल दिया गया | फोटो को किस कारण से निकाला गया आप इस पोस्ट के माध्यम से जानेंगे तो दोस्तों आप से विनती है कि इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़िएगा |Top 11 Space Science question

Table of Contents

Top 11 Space Science question

1. सूर्य के बारे में कुछ महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य | 

  • सूर्य एक तारा है|सूर्य का व्यास लगभग 13, 92, 000  किमी है |  सूर्य की आयु लगभग 5 बिलियन वर्ष हैं | 
  • सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर 8 मिनट 16. 6 सेकंड में पहुंचता है | 
  • सूर्य के पृथ्वी से न्यूनतम दूरी 14. 70 करोड़ किमी है |  सूर्य की पृथ्वी से अधिकतम दूरी 15.21  करोड़ किमी  हैं | 
  • सूर्य में हाइड्रोजन 71 % हीलियम 26.5% अन्य 2.5%  का रासायनिक मिश्रण होता है | सूर्य सहित सभी तारों में हाइड्रोजन और हीलियम के मिश्रण को  संलयन  अभिक्रिया कहा जाता है | 
  • सूर्य  में हल्के हल्के धब्बे को शौर्य कलन कहते हैं, जो चुंबकीय विकिरण उत्सर्जित करते हैं जिससे पृथ्वी के बेतार संचार में खराबी आ जाते हैं | 

2.  चंद्रमा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण व रोचक बातें | 

  • यह एक छोटा सा पिंड है जो आकार में पृथ्वी के एक चौथाई हैं |  चंद्रमा से पृथ्वी की औसत दूरी 38465 किमी है|  चंद्रमा की व्यास लगभग 3476 तथा  त्रिज्या 1738  किमी है| 
  • चंद्रमा, पृथ्वी के परिक्रमा करने में लगभग 27 दिन 7 घंटे 43 मिनट 15 सेकंड में करता है |  यही कारण है कि पृथ्वी से चंद्रमा का एक ही भाग दिखाई देता है | 
  • चंद्रमा और पृथ्वी महीनों में दो बार समकोण बनाते हैं | 
  • चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा को होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाते हैं | 
  •  इसकी उच्चतम पर्वत लिबनिट्ज है, जिसकी ऊंचाई 10668 मि.  है |  जो माउंट एवरेस्ट(8848 मी ) से भी ऊंचा है | 
  • चंद्रमा पर जुलाई 1969 में अपोलो-||  अंतरिक्ष यान से नील आर्मस्ट्रांग तथा एडमिन आल्ड्रिन गए थे  जिन्होंने पहली बार चंद्रमा की सतह पर कदम रखा। 
  •  चंद्रमा उतना ही पुराना है जितना पृथ्वी लगभग 460 करोड़ वर्ष | 

3.  क्या आप जानते हैं- लंबे समय पहले चंद्रमा पृथ्वी का एक हिस्सा था | 

विशाल- प्रभाव परिकल्पना(giant-impact hypothesis),जिसे कभी कभी  बीग स्प्लैश कहा जाता यह चांद की उत्पत्ति के बारे में परिकल्पनाओं  में से एक परिकल्पना है लेकिन सबसे अधिक स्वीकार्य परिकल्पना है |  विशाल- प्रभाव परिकल्पना से पता चलता है कि चंद्रमा लगभग 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी और एक खगोलीय पिंड के बीच टकराव से निकलकर मलबे से निकला |  टकराव  पिंड को थिया कहा जाता है |पौराणिक यूनानी पुराण कथा टाइटन के नाम से, जो चंद्रमा की देवी सेलेन की मां थी |   

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4. एस्केप वेलोसिटी(Escape velocity)  क्या है ? 

जब आप पत्थर को ऊपर फेंकते हैं तो गुरुत्वाकर्षण के कारण कुछ ऊंचाई पर जाकर पत्थर वापस लौट आता है |  किंतु, यदि आप पत्थर की स्पीड बढ़ाते जाएंगे, तो एक समय ऐसा आएगा कि, पत्थर वापस पृथ्वी पर नहीं आएगा. इस खास स्पीड  को एस्केप वेलोसिटी कहते हैं | 

पृथ्वी पर एस्केप वेलोसिटी 11.2 किमी/सेकण्ड है | 

5. क्या आपको पता है – सूर्य के प्रकाश  को पृथ्वी तक पहुंचने के लिए कितना समय लगता है | 

सूर्य की रोशनी प्रकाश की गति पर यात्रा करती है |  सूर्य के सतह से उत्सर्जित फोटॉनों  को हमारी आंखों तक पहुंचने के लिए अंतरिक्ष निर्वात में यात्रा करने की आवश्यकता है |  प्रकाश की गति 300000 किमी/ सेकंड है | सूरज की रोशनी सूर्य और पृथ्वी की यात्रा के लिए 8 मिनट और 20 सेकंड की औसत लगती हैं | 

6.  क्या आप जानते हैं- ग्रहों के सूची में प्लूटो को क्यों हटा दिया गया है ? 

एक ग्रह के रूप में वर्गीकृत होने वाले पिंड के लिए स्वीकृत परिभाषा के अनुसार उसमें सौर्य मंडल के किसी पिंड के ग्रह होने के लिए 3 मानक तय किए गए हैं-

  1. यह सूर्य की परिक्रमा करता हो 
  2.  यह इतना बड़ा जरूर होगी अपने गुरुत्व बल के कारण इसका आकार लगभग गोलाकार हो जाए
  3.  इसमें इतना जोर हो कि यह बाकी पिंडों से अलग अपना स्वतंत्र कसा बना सकें 

प्लूटो तीसरी अपेक्षा पर खरा नहीं उतरता है,क्योंकि सूर्य की परिक्रमा के दौरान इसकी क्षमता नेप्चून की कक्षा से टकराती है, इसलिए ग्रहों की सूची से प्लूटो को हटा दिया गया | 

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7. प्रकाश वर्ष(Light Year ) किसे कहते हैं ? 

 एक प्रकाश वर्ष, 1 वर्ष( 365.25  दिन)  में निर्वात में प्रकाश द्वार चली गई दूरी है | प्रकाश वर्ष को कभी-कभी समय की एक इकाई के रूप में गलत तरीके से समझा जाता है | 

1  प्रकाश वर्ष=9.4607 *1015 मि = 9.461 ख़राब किमी  | 

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8. पुच्छल तारा / धूमकेतु (comet ) क्या है?  और कहां से आते हैं? 

पुच्छल तारा/ धूमकेतु वास्तव में आकाश पिंड हैं जो सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं.  कभी-कभी पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी पर गिर पड़ते हैं | 

नेपच्यून ग्रह के पथ से बाहर  विशाल धूमकेतुओ का एक बहुत विशाल झुरमुट है जिसे उर्ट क्लाउड(oort cloud )  कहते हैं |  वहां से यदा-कदा इन धूमकेतुओं  के दीर्घ वृत्ताकार पथ से कोई बर्फ- धूल वह चट्टानों का बड़ा सा गोला यानी धूमकेतु सूर्य के प्रभावी क्षेत्रीय गुरुत्व सीमा में आ जाता है और दीर्घ वृत्तीय कक्षा में सूर्य की परिक्रमा करने लगता है | 

9.  चंद्रमा और सूरज एक ही आकार के क्यों दिखते हैं? 

हालांकि सूर्य का व्यास चंद्रमा की तुलना में लगभग 400 गुना बड़ा है, सूरज और चंद्रमा पृथ्वी के लगभग समान आकार के रूप में दिखाई देते हैं | इसका कारण यह है कि सूर्य पृथ्वी से चंद्रमा के मुकाबले 400 गुना दूर हैं |  कोई वस्तु हमसे जितना ज्यादा दूर होता है वो उतना ही  छोटा दिखाई देता है |  यही कारण है कि सूर्य और चंद्रमा पृथ्वी से लगभग समान आकार के रूप में दिखाई देते हैं | 

10.  चंद्रमा पर वायुमंडल क्यों नहीं हैं? 

पृथ्वी के वायुमंडल में उपस्थित सभी गैसों के अणु का माध्य तापीय वेद पृथ्वी तल से पलायन वेग 11.2 किमी/ सेकण्ड से कम होता है |  अतः गैस से पृथ्वी से पलायन नहीं कर पाती |  चंद्र दल से पलायन वेग का मान 2.4  किमी/ सेकंड हैं | सभी  गैसों से अणुओं का मध्य तापीय बेग 2.4 किमी/ सेकंड  से अधिक है|  अतः गैसे  चंद्रमा पर न ठहरकर  उसके  वातावरण  से पलायन कर जाती हैं |  फलस्वरूप चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं है | 

11.  चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री की आवाज दूसरे अंतरिक्ष यात्री को क्यों नहीं सुनाई देती हैं? 

 ध्वनि गमन के लिए माध्यम की आवश्यकता होती हैं |  क्योंकि चंद्रमा में निर्वात होता है इसलिए ध्वनि का संचरण नहीं हो पाता है |  इसलिए चंद्रमा के तल पर अंतरिक्ष यात्री की आवाज थोड़ी ही दूर पर खड़े दूसरे अंतरिक्ष यात्री को सुनाई नहीं देती हैं |  इस समस्या का समाधान के लिए अंतरिक्ष यात्री रेडियो तरंगे का प्रयोग करते हैं | 

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