Top 8 Sabse kimati chijen jo kabhi bharat ki thi| 8  सबसे कीमती चीजें जो कभी भारत की थी| 

Top 8 Sabse kimati chijen jo kabhi bharat ki thi : इतिहास बताता है कि एक दौर वो भी था | जब दुनिया भर का खजाना भारतीय बाजारों में इकट्ठा था भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था| यहां के शाही राजा हीरा ज्वरः पहने से लेकर सोने और चांदी के बर्तनों में खाया करते थे | और इसी से अंदाजा लग सकता है कि यहां एक नहीं बल्कि कई बेशकीमती वस्तु हुआ करती थी |  जिनकी की मौत कई देशों को इकोनॉमी के बराबर होती थी | इसलिए आज हम आपको 10 ऐसे ही एक्सपेंसिव चीजों से रूबरू कराने वाले हैं जो भारत का इतिहास के हिस्सा रहे हैं |Top 8 Sabse kimati chijen jo kabhi bharat ki thi | 

Top 8 Sabse kimati chijen jo kabhi bharat ki thi

1. The Nassak Diamond 

भारत के कोहिनूर को ब्रिटेन पहुंचने की कहानी तो हर कोई जानता है लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे 1 साल 1818 में नाशक डायमंड भी भारत से गायब हुआ था | बताया जाता है कि किसी एक जमाने में गोलकुंडा की कोल्लूर माइन से निकला यह हीरा त्रिंबकेश्वर मंदिर में शिव जी के सिंगार का हिस्सा हुआ करता था | कई सदियों तक इसी मंदिर में रहने के बाद ANGLO MARATHA WAR के दौरान ईस्ट इंडिया कंपनी ने इससे ब्रिटिश ज्वेलर्स को बेच दिया  था | वक्त के साथ कई बार खरीदा बेचा जरूर गया लेकिन 43.38 CARATS का यह हीरा आज लेबनान के एक प्राइवेट म्यूजियम में पड़ा है | 

2. Amravati Marbles

ब्रिटिश म्यूजियम में सजे यह खूबसूरत 120 कल्पचर और इंस्क्रिप्शन का बौद्ध धर्म एक खास महत्व है | क्योकि यह शिलालेख एक  भव्य स्तूप का एक हिस्सा हुआ करते थे | 1845 में पहली बार इन्हें स्तूप की खुदाई के दौरान खुदा गया था | इनमें उपचारीक कथाएं बताती है | की या बुद्ध के जीवन से जुड़ी हुई है |  लेकिन इन्हें खोजने वाले सर वाल्टर इलियट थे | इसलिए इससे ब्रिटेन जाना  पक्का था | आज के समय में यह अमरावती मार्बल ब्रिटेन के म्यूजियम में रखा गया है | लेकिन इनका इतिहास हिंदुस्तान से जुड़ा हुआ है | 

3. Throne of Maharaja Ranjit Singh 

बड़े अफसोस की बात है कि जिस सिंहासन पर महाराजा रंजित सिंह बैठते थे वो आज ब्रिटेन के म्यूजियम में पड़ा है | इस सिंहासन को बनाने वाले क्रिएटर एक मुस्लिम सोनार थे जो सोने और लकड़ी से इस तख्तो ताज को तैयार किया था | सुनने में आता है कि सिखों के महाराज होने के बाद भी रंजीत सिंह जमीन पर बैठना पसंद करते थे | और कुछ चाहे मौके पर हैं सिंहासन का इस्तेमाल करते थे |  लेकिन जल्द ही उनके सिंहासन पर  ब्रिटिश वालों की नजर पड़ गए और साल 1849 में उन्होंने इस पर कब्जा जमा लिया और इसे ब्रिटेन भेज दिया | 

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4. Patiala House Necklace

पटियाला नेकलेस को पटियाला के महाराजा भूपेंद्र सिंह के लिए बनाया गया था इसे बनाने का काम हाउस ऑफ कार्टियर ने किया था | अनोखी बात थी कि कॉलर और पांच चैन वाले नेकलेस में लगभग 3000 डायमंड बनाया गया था |  दिखने में यह इतना शानदार था कि इस हाउस नेकलेस  के चर्चे भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में होने लगा था | ऐसा इसलिए था क्योंकि इसमें दुनिया का सबसे बड़ा सातवा हीरा लगाया गया था | लेकिन दुख की बात है कि 1948 में इसे पटियाला के साईं खजाने से चुरा लिया गया | आखरी बार या नेकलेस भूपेंद्र सिंह के बेटे ने पहना था उसके बाद यह नेकलेस कभी नहीं देखा गया | हाल ही में इस नेकलेस के चौकोर को  एमा चैंबर्लिन ने पहना था |  जिसके लिए उनकी काफी निंदा भी हुई थी |  दरअसल कहते हैं कि इस नेकलेस पीछे का इतिहास काफी काला रहा है | 

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5. Shah Jahan’s Royal Jade Wine Cup 

एक आलीशान महल और राजसी ठाठ बाट में रहने के अलावा मुगल बादशाह शाहजहां के पास एक नायाब शराब का प्याला भी था  जिसमें वह बड़ी शान से जाम के घोट लगाया करते थे |  हवा की सफेद रंग के इस प्याले को खास शाहजहां के लिए बनाया गया था लेकिन इसे बनाने वाला आर्ट कौन था इसका इतिहास में कोई जिक्र नहीं मिलता |  अतीत के पन्ने बताते हैं  की 18.7 CM लंबा यह प्याला 1857  के बाद कर्नल चार्ल्स सेटों को मिल गया था उसके बाद यह कई लोगों को बेचा गया लेकिन आज इसकी मौजूदगी हमें विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम में मिलते हैं | 

6. Sultanganj Buddha 

2.3 m  ऊंचे और 500 किलो वाजनीय इस मूर्ति को आप पहली बार देख रहे हो | लेकिन यह मेटालिस्ट स्तंभ सुल्तानगंज बुद्धा का है |1861 में  भागलपुर के सुल्तानगंज में पाया गया था |इसे एक रेलवे इंजीनियर ने 200 पाउंड में  बार्बी गेम के मेटल मैन्युफैक्चर को बेच दिया था | और इस तरह से भारत का यह एक नया स्तंभ दूसरे देश में पहुंच गया था |  आज भी हमें यह बर्मिंघम के म्यूजियम में रखा हुआ मिलता है | इसके इतिहास पर नजर डालें तो यह 500 से 700 ई के बीच बनाया गया था |  तब भारत पर गुप्ता वाला राजवंश का शासन हुआ करता था |  बौद्ध भगवान की यह मूरत हमें गुप्त और बाल डैनी मूर्ति  के बारे में बहुत कुछ बताती हैं | 

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7. Tipu Sultan Ring 

छोटा कद लेकिन तलवारबाजी में ऊंची पकड़ रखने वाले बादशाह टीपू सुल्तान का नाम आज भी इतिहास के पन्नों में अमर है | मैसूर के इस राजा  को लोग  एक बहादुर योद्धा की तरह देखते हैं| जिसने आखरी सांस तक हार नहीं मानी और यही वजह रही कि बादशाह की विश कीमती तलवार और अंगूठी पर अंग्रेजों की नजर पड़ गई |  दरअसल 1799 में श्रीरंगपटना के युद्ध में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ते हुए ओ मर गया उसके बाद ब्रिटिशस ने 41.2 ग्राम की कीमतें अंगूठे और तलवार पर अपना हक जमा लिया | हालांकि उनके तलवार को तो नीलामी में 1.5 करोड़ देख कर विजय माल्या ने अपना बना लिया | लेकिन टीपू सुल्तान के कीमती सोने की अंगूठी को 2014 में 145 हजार  पाउंड पर नीलामी कर दिया गया  और उसे खरीदने वाले कौन थे यह आज तक सामने नहीं आया | 

8. Tipu’s Tiger

टीपू सुल्तान की अंगूठी ही नहीं बल्कि इस बादशाह का बाघ भी विक्टोरिया म्यूजियम की शोभा बढ़ा रहा है | ये बाघ मशीनें कला का है  जिसे खासतौर पर टीपू सुल्तान के लिए बनाया गया था |  इस चित्र में बाघ को ब्रिटिश सैनिक को मारते हुए दर्शाया गया है | जो टीपू सुल्तान के ब्रिटिशस सैनिक के प्रति दुश्मनी का सिंबल था | टीपू सुल्तान के मरने के बाद उनके इस बाघ को लॉर्ड मॉर्निंग टोन ने ब्रिटेन भिजवा दिया था | और तभी से यह ब्रिटेन के म्यूजियम में रखा हुआ है |

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